मेदिनीनगर : झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक सह केन्द्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने आज मेदिनीनगर में प्रेस बयान जारी कर कहा है कि भले ही मेदिनीनगर नगर निगम देश स्तर पर बेहतर प्रदर्शन के लिए द्वितीय पुरस्कार से नवाजा गया हो, लेकिन इन दिनों मटमैले व विषैले पेयजलापूर्ति के साथ ही उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के रामराज्य से सैकड़ों की संख्या में आये भिखारियों का सबसे बड़ा अड्डा के रूप में विकसित हो रहा है.
जिस पर पलामू का जिला व नगर निगम प्रशासन फूले नहीं समा रहा है।प्रेस बयान में उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश के सोनभद्र समेत विभिन्न जिलों के आंचलिक क्षेत्रों से भारी संख्या में आये भिखारियों का समुह रात को मेदिनीनगर रेलवे स्टेशन के आसपास वाले क्षेत्रों में रहते हैं, वहीं दिन ढलते ही मेदिनीनगर शहर के विभिन्न चौक-चौराहों, दुकानों, गलियों के साथ ही कचहरी खूलते ही आम लोगों के साथ वकील,मुंशी,ताईद समेत मुवक्किलों से जबरदस्ती भिक्षा मांगने के लिए लड़ाई पर उतारू हो जाते हैं,जिससे कई बार असहज स्थिति उत्पन्न हो जाती है,ऐसे बहुत से सक्षम भिखारियों की वजह से झारखण्ड सरकार से लेकर पलामू की बदनामी तक हो रही है।ज्ञातव्य है कि कुछ दिव्यांग,विधवा व वृद्ध भिखारियों ने पूछने पर बताया की उत्तर प्रदेश सरकार ने हमें विकलांग,विधवा व वृद्धा पेंशन से वंचित रखा है,जिसकी वजह से हमें भिक्षा मांगनी पड़ती है।
अगर वाकई में उत्तर प्रदेश सरकार की लाचारों के प्रति ऐसी मानसिकता है,तो इसे कदापि उचित व रामराज्य के अनुकूल नहीं कहा जा सकता है।बयान के अंत में झारखण्ड क्रांति मंच के संस्थापक अध्यक्ष ने कहा है कि झारखण्ड की हेमन्त सरकार को दूसरे प्रदेशों से आए भिखारियों का सर्वेक्षण करवाकर सम्बन्धित राज्य सरकार को सौंप देना चाहिए ताकि वहां की सरकार उनके रिहैबिलिटेशन की सम्मानजनक व्यवस्था कर कल्याणकारी राज्य की भूमिका निर्वहन कर सके।